पारिवारिक कलह के बीच तेजप्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए कहा है कि उनके माता-पिता, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी, ही उनकी पूरी दुनिया हैं। इस पोस्ट में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ ‘लालची लोगों’ ने उनके खिलाफ साजिश रची है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब लालू प्रसाद यादव ने कथित तौर पर अनुष्का यादव के साथ अपने रिश्ते का खुलासा करने के बाद अपने बड़े बेटे तेजप्रताप को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और परिवार से बेदखल कर दिया था।
तेज प्रताप ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मेरे प्यारे मम्मी पापा…. मेरी सारी दुनिया बस आपदोनों में ही समाई है। भगवान से बढ़कर है आप और आपका दिया कोई भी आदेश।आप है तो सबकुछ है मेरे पास। मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए ना कि कुछ और। पापा आप नही होते तो ना ये पार्टी होती और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे लालची लोग। बस मम्मी पापा आपदोनो स्वस्थ और खुश रहे हमेशा।’
एक अन्य पोस्ट में, तेज प्रताप ने लिखा, ‘मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों, तुम कभी अपनी साजिशों में सफल नही हो सकोगे, कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो लेकिन खुद कृष्ण को नही। हर साजिश को जल्द बेनकाब करूंगा। बस मेरे भाई भरोषा रखना मैं हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ हूं, फिलहाल दूर हूं लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ था और रहेगा। मेरे भाई मम्मी पापा का ख्याल रखना, जयचंद हर जगह है अंदर भी और बाहर भी।’
जयचंद कौन?
तेजप्रताप यादव ने कथित तौर पर अपने खिलाफ काम करने वालों पर निशाना साधने के लिए ‘जयचंद’ शब्द का इस्तेमाल किया है। यह एक ऐसा संदर्भ है जो भारतीय इतिहास में विश्वासघात का प्रतीक है। ‘जयचंद’ 12वीं सदी के गढ़वाल वंश के राजा थे, जिन्हें महाकाव्य पृथ्वीराज रासो में एक गद्दार के रूप में चित्रित किया गया है। उन्होंने पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ विदेशी शक्तियों के साथ गठबंधन किया था, जिसके कारण बाद में ‘जयचंद’ शब्द धोखेबाज या देशद्रोही का पर्यायवाची बन गया।