नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने ज़ोर देकर कहा है कि 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जाँच रिपोर्ट में केवल प्रारंभिक निष्कर्ष हैं। शनिवार को आई रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने विशाखापत्तनम में पत्रकारों से कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें इस पर जल्दबाज़ी में कोई निष्कर्ष निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि जाँच दल ने सराहनीय काम किया है। हम एआईबीबी (विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो) के साथ समन्वय कर रहे हैं ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो। हमें उम्मीद है कि अंतिम रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी ताकि हम किसी निष्कर्ष पर पहुँच सकें।
राम मोहन नायडू ने कहा कि मैं सचमुच मानता हूं कि पायलटों और चालक दल के मामले में हमारे पास पूरी दुनिया में सबसे शानदार कार्यबल है। एअर इंडिया की उड़ान एआई-171 के दोनों इंजन में ईंधन पहुंचाने वाले स्विच बंद हो गए थे और इसके बाद पायलटों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, जिसके कुछ ही सेकंड बाद विमान अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया। इसी वर्ष 12 जून को बोइंग 787 विमान से जुड़ी इस दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हो गई थी।
विमान में सवार 242 व्यक्तियों में से केवल एक ही जीवित बचा था। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा शनिवार को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के ऑपरेटरों के लिए फिलहाल कार्रवाई की कोई सिफारिश नहीं की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, जब विमान ने उड़ान भरी, उस समय सह-पायलट विमान उड़ा रहा था और कप्तान निगरानी कर रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘विमान ने भारतीय समयानुसार अपराह्न एक बजकर 38 मिनट 42 सेकंड पर अधिकतम दर्ज की गई गति 180 नॉट्स आईएएस हासिल की और एक सेकेंड बाद ही इंजन-1 और इंजन-2 के ईंधन ‘कटऑफ स्विच’ क्रमशः रन’ से कटऑफ’ स्थिति में चले गए।’’