भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी पिछले 17 सालों से वोट बैंक की राजनीति के लिए हिंदुओं को बदनाम करने की एक सोची-समझी रणनीति के तहत संतों, सैनिकों, सनातन धर्म और संविधान पर हमला करती रही है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कांग्रेस ने 17 सालों तक संतों, सैनिकों, सनातन धर्म और संविधान – इन चारों पर हमला किया। यह वोट बैंक की राजनीति के लिए हिंदुओं को बदनाम करने की एक सोची-समझी रणनीति थी। लेकिन अंत में, सत्य की जीत हुई।
संबित पात्रा ने कहा कि जिस प्रकार से देश में भगवा आतंकवाद के नैरेटिव को फैलाने की कोशिश कांग्रेस की सरकार ने की थी और जिस प्रकार गांधी परिवार की चेष्टा थी कि हिंदुओ को अपमानित किया जाए! कहीं न कहीं तुष्टिकरण की राजनीति और वोटबैंक की राजनीति के कारण गांधी परिवार की ये तीव्र इच्छा थी कि सनातन एवं हिंदुओ पर कुठाराघात किया जाए।कल मालेगांव पर कोर्ट का जो फैसला आया है, उससे ये नैरेटिव औंधे मुंह गिर गया है।
पात्रा ने कहा कि लेकिन आज उसमें 2 नए खुलासे हुए हैं। मालेगांव ब्लास्ट के दौरान जो ATS थी, जिसने जांच की थी, उसके एक अधिकारी महबूब मुजावर का एक खुलासा हुआ है, ये खुलासा बहुत ही चौंकाने वाला है। आज इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महबूब मुजावर के इस खुलासे पर बातचीत होगी और दूसरा राहुल गांधी के कहने पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने जिस प्रकार का बयान दिया है, उस पर इस प्रेस कांफ्रेंस में चर्चा होगी।
भाजपा नेता ने कहा कि महबूब मुजावर ने आज सुबह खुलासा किया है कि उनके जो उच्चाधिकारी थे और सरकार के बड़े लोगों ने महबूब जी और ATS के ऊपर बहुत ज्यादा प्रेशर डाला था कि किसी भी कीमत पर इस भगवा आतंकवाद नैरेटिव को और आगे बढाने के लिए RSS के आदरणीय सर संघचालक मोहन भागवत जी को गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चार्जशीट में नाम नहीं, जांच में कहीं भी कोई नाम नहीं था, फिर भी जब गिरफ्तारी का आदेश दिया गया, तो महबूब मुजावर ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि मैं ये काम नहीं कर सकता, क्योंकि ये संविधान सम्मत नहीं है। बदले में बड़े अधिकारियों ने महबूब मुजावर जी पर कुछ इल्जाम लगाए, जिसके कारण उनकी पदोन्नति भी रुक गई। बाद में महबूब मुजावर कोर्ट गए और कोर्ट ने उन्हें छोड़ते हुए कहा कि ये निर्दोष हैं और उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वो गलत है।
पात्रा ने कहा कि आप उस समय की कांग्रेस सरकार के प्रतिशोधात्मक रवैये को देखिए कि जबरन किस प्रकार से भाजपा और जो लोग हिंदू धर्म को मानते हैं, और संघ के उच्च पदों पर आसीन हैं, किस प्रकार से उनको अपमानित और गिरफ्तार किया जाए। इस प्रकार के प्रतिशोधी रवैया के साथ उस समय की कांग्रेस पार्टी काम कर ही थी और ये सब गांधी परिवार के कहने पर हो रहा था। पृथ्वीराज चव्हाण जी ने आज भी अपने बयान को दोहराया है। उन्होंने 2 बातें कही हैं – पहली बात कही गई है कि आतंकवाद का धर्म नहीं होता, ये तुष्टिकरण का तकिया कलाम है। ये तमाम कांग्रेसी नेता तब कहते हैं, जब कोई आतंकवादी हमला होता है, ताकि वो आने वोटबैंक को साध सकें और तुष्टिकरण की राजनीति को साध सकें। फिर पृथ्वीराज चव्हाण जी कहते हैं कि आतंकवाद का धर्म नहीं होता है, कहना ही है तो आप कहो कि हिंदू आतंकी या सनातन आतंकी!