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भारतीय सेना की इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की क्या है योजना?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
पिछले कई सालों से पाकिस्तान और चीन से लगती अपनी सीमाओं पर लगातार चुनौतियों का सामना कर रहा भारत अपनी सैन्य क्षमताओं के बेहतर इस्तेमाल की तरफ क़दम बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.इन्हीं कोशिशों में से एक भारतीय सेना के तीनों अंगों को मिलाकर ‘इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड’ बनाने की योजना है.इसे लेकर एक बार फिर अटकलें तेज़ हैं कि ये काम जल्द ही सिरे चढ़ने वाला है.हालिया मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ सशस्त्र बलों ने ‘इंटीग्रेटेड’ या ‘एकीकृत थिएटर कमांड’ बनाने की अंतिम रूपरेखा तैयार कर ली है और थिएटर कमांड की संरचना को लेकर सरकार की मंज़ूरी का इंतज़ार किया जा रहा है.एकीकृत थिएटर कमांड क्या है और इसे बनाने के लिए पिछले कुछ सालों से क्यों ज़ोर शोर से कोशिशें की जा रही है? आइए समझते हैं.

भारतीय सेना
क्या है इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड? इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड या एकीकृत कमांड एक ऐसी कार्य प्रणाली है जिसके तहत थल सेना, वायु सेना और नौसेना के सभी संसाधनों की मौजूदगी एक साथ होगी ताकि ख़तरे की स्थिति में तीनों सेनाएं एक-दूसरे की क्षमताओं का समन्वय के साथ कुशलतापूर्वक इस्तेमाल कर सकें.हर थिएटर कमांड को एक निश्चित इलाक़ा सौंपा जाएगा जिसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना उसकी ज़िम्मेदारी होगी.एकीकृत थिएटर कमांड बनाने की पीछे सोच ये है कि तीनों सेनाओं की क्षमताओं को अगर एक दूसरे से जोड़ दिया जाए तो युद्ध की स्थिति में उनका प्रदर्शन कई गुना बेहतर होगा.फिलहाल भारत में तीन से चार थिएटर कमांड बनाने पर विचार किया जा रहा है और हर कमांड का नेतृत्व एक तीन-सितारा अधिकारी को सौंपने की बात की जा रही है.

आर्मी में लेफ्टिनेंट-जनरल, वायु सेना में एयर मार्शल और नौसेना में वाइस एडमिरल तीन-सितारा अधिकारी होते हैं.इस योजना के तहत हर थिएटर कमांड के पास तीनों बलों के संसाधन होंगे और इन्हें इस्तेमाल करने का अधिकार थिएटर के कमांडर के पास होगा.इस बात की भी चर्चा है कि सभी थिएटर कमांडों का नियंत्रण आख़िरकार चीफ़ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ के पास आ जाएगा और सेना प्रमुखों की मुख्य ज़िम्मेदारी अपने बलों को बढ़ाने, प्रशिक्षण देने और बनाए रखने की होगी.वहीं दूसरी तरफ ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि थिएटर कमांडर एक राष्ट्रीय रक्षा समिति के अधीन होंगे और इस समिति की अध्यक्षता रक्षा मंत्री कर सकते हैं.

शुरुआत से लेकर अब तक क्या हुआ

साल 1999 में कारगिल युद्ध के बाद बनी समीक्षा समिति और कई अन्य समितियों ने कहा कि भविष्य की सैन्य चुनौतियों को देखते हुए भारतीय सेना को इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने के बारे में सोचना चाहिए.पिछले कई सालों से भारत में एकीकृत कमान बनाने की बात चल रही थी पर इसे गति तब मिली जब जनवरी 2020 में जनरल बिपिन रावत को चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ़ (सीडीएस) नियुक्त किया गया.15 अगस्त 2019 को लाल किले से दिए स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जिस तरह ‘युद्ध के दायरे और रूप-रंग बदल रहे हैं और जिस तरह टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ रही है, उसकी वजह से भारत का काम टुकड़ों में सोचने से नहीं चलेगा और देश की पूरी सैन्‍यशक्ति को एकजुट होकर एक साथ आगे बढ़ना होगा.’

कई महीने खाली रहा सीडीएस पद

उसी भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ऐसी स्थिति से काम नहीं चलेगा जिसमें तीनों सेनाओं में से एक आगे रहे, दूसरा दो कदम पीछे रहे और तीसरा तीन कदम पीछे रहे.उन्होंने कहा था कि तीनों सेनाओं को एक साथ एक ही ऊंचाई पर आगे बढ़ना चाहिए और दुनिया में बदलते हुए युद्ध और सुरक्षा के माहौल के अनुरूप उनमें अच्छा समन्वय होना चाहिए.सीडीएस जनरल बिपिन रावत इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड के प्रोजेक्ट पर बहुत गंभीरता से काम कर रहे थे.लेकिन दिसंबर 2021 में एक हेलीकॉप्टर हादसे में उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद एकीकृत कमांड बनाने के काम की गति धीमी पड़ गई.जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद सीडीएस का पद कई महीनों तक खाली रहा और सितंबर 2022 में ही अगले सीडीएस जनरल अनिल चौहान की नियुक्ति हो सकी. माना जाता है कि इसके बाद एक बार फिर गंभीरता से इस योजना पर काम शुरू हुआ.

सरकार इस विषय को लेकर गंभीर है इस बात का इशारा तब भी मिला जब केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में संसद में इंटर-सर्विसेज़ ऑर्गेनाइजेशंस (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिप्लिन) बिल, 2023 पेश किया.तीनों सेनाओं के अधिकारियों के बीच मिलकर काम करने की भावना पैदा करने के मक़सद से कुछ ही महीने पहले मेजर और लेफ़्टिनेंट-कर्नल रैंक के 102 अधिकारियों (सेना 40, वायु सेना 32 और नौसेना 30) की पहली खेप को अन्य सेवाओं में “क्रॉस-पोस्ट” किया गया था.

कहां बनेंगी इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड?

जो जानकारी सामने आईं हैं उनके मुताबिक, तीन एकीकृत थिएटर कमांड में से पहली जयपुर में बनेगी. इस कमांड की नज़र मुख्य रूप से पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा पर होगी.साथ ही ऐसे संकेत हैं कि चीन से लगी सीमाओं पर नज़र रखने वाली एक थिएटर कमांड लखनऊ में बनेगी.इसी तरह भारत के समुद्री और तटीय हितों की देखभाल के लिए समुद्री थिएटर कमांड कर्नाटक के कारवाड़ में बनेगी. कारवाड़ भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है और गोवा के नज़दीक है.इस वक़्त भारत में कुल 17 सैन्य कमांड हैं. इनमें से थल और वायु सेना की सात-सात कमांड हैं और नौसेना की तीन कमांड हैं. साथ ही दो ‘ट्राई-सर्विसेज़’ या ‘त्रि-सेवा कमांड’ भी हैं, अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी), जिसका नेतृत्व तीनों सेनाओं के अधिकारी करते हैं और स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड जो भारत की परमाणु संपत्ति के लिए ज़िम्मेदार है.