अयोध्या नगर निगम ने राम पथ के 14 किलोमीटर लंबे हिस्से में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें अयोध्या शहर को अयोध्या छावनी और फैजाबाद शहर से जोड़ने वाली सड़कें शामिल हैं। महापौर, उप महापौर और 12 पार्षदों वाली कार्यकारी समिति द्वारा पारित प्रस्ताव में पान, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट की बिक्री और अंडरगारमेंट्स के विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। निगम के मुताबिक यह फैसला शहर की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर लिया गया है।
अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि प्रतिबंध के बारे में निर्णय अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को औपचारिक रूप से सूचित कर दिया गया है, जो अब इसके कार्यान्वयन पर निर्णय लेंगे। मेयर ने कहा कि पार्षदों ने प्रस्ताव दिया कि चूंकि भगवान राम के नाम पर इस 14 किलोमीटर लंबे मार्ग का नाम राम पथ रखा गया है, इसलिए इस पर ऐसी वस्तुओं की बिक्री हमारे सांस्कृतिक अनुशासन के अनुरूप नहीं होगी। इसलिए, हमने एक प्रस्ताव पारित किया है और राम पथ पर शराब की बिक्री रोकने के लिए डीएम को एक पत्र भेजा है। इसके अलावा, हमने जिला प्रशासन से राम पथ से मांस की दुकानों को हटाने का भी आग्रह किया है।
हालांकि, जिला प्रशासन ने अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अयोध्या शहर में लंबे समय से मांस और शराब की बिक्री बंद है। हालांकि, सरयू नदी के तट से शुरू होकर फैजाबाद शहर में प्रवेश करने वाले राम पथ पर कच्चे मटन और चिकन की बिक्री के साथ-साथ शराब की बिक्री का भी कारोबार खूब है। फैजाबाद शहर में राम पथ के 10 किलोमीटर लंबे हिस्से में दोनों तरफ शराब की कई दुकानें हैं, साथ ही मांसाहारी भोजन परोसने वाले प्रमुख रेस्तरां और होटल भी हैं। गुटखा और अंडरगारमेंट्स के विज्ञापन वाले होर्डिंग भी लगे हैं।