प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रपति लौरेंको और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करता हूं। यह एक ऐतिहासिक क्षण है। 38 साल बाद अंगोला के राष्ट्रपति भारत आए हैं। उनकी यात्रा न केवल भारत और अंगोला के बीच संबंधों को एक नई दिशा देने वाली है, बल्कि भारत-अफ्रीका संबंधों को भी मजबूत करने वाली है।
मोदी ने कहा कि भारत और अंगोला अपने राजनीतिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। जब अंगोला अपनी आजादी के लिए लड़ रहा था, तब भारत उसके साथ खड़ा था। आज हम विभिन्न क्षेत्रों में साझेदार हैं। भारत तेल और गैस के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है। हमने अपने ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने का फैसला किया है। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम अंगोला की सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए 200 मिलियन डॉलर की रक्षा ऋण सहायता प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम अंगोला के सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण में सहायता करके खुश होंगे। अपनी विकास साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए, हम डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण में अंगोला के साथ अपनी क्षमताओं को साझा करेंगे। आज, हमने स्वास्थ्य सेवा, हीरा प्रसंस्करण, उर्वरक और महत्वपूर्ण खनिजों में अपने संबंधों को और मजबूत करने का भी निर्णय लिया है। अंगोला में योग और बॉलीवुड की लोकप्रियता हमारे सांस्कृतिक संबंधों की मजबूती का प्रतीक है। अपने लोगों से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए, हमने अपने युवाओं के बीच युवा विनिमय कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है।
इसी दौरान नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। मैं पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए राष्ट्रपति लौरेंको और अंगोला को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ़ ठोस और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ़ हमारी लड़ाई में अंगोला के समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया।