पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कई दिनों से बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी हो रही है। इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को इस बात पर चिंता जताई कि नए सुरक्षा उपायों के कारण निर्दोष स्थानीय लोग प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि इससे जम्मू-कश्मीर के निर्दोष लोग प्रभावित न हों।
जम्मू-कश्मीर के सीएम ने पत्रकारों से कहा, “हम सभी यहां की स्थिति को समझते हैं, हम इसे अनदेखा नहीं कर सकते या इसके अस्तित्व को नकार नहीं सकते, लेकिन हमें इस पर गौर करना चाहिए ताकि पहलगाम हमले में शामिल लोगों को पकड़ने के हमारे प्रयासों में जम्मू-कश्मीर के निर्दोष लोगों को प्रभावित न किया जाए। हमने अपनी इस चिंता को जहां तक संभव हो, वहां तक पहुंचाया है।” उन्होंने कहा कि कुलगाम में जो हुआ, वो नहीं होना चाहिए था, लेकिन सिर्फ कुलगाम ही नहीं, कश्मीर के अलग-अलग इलाकों से गिरफ़्तारियों की जो ख़बरें आ रही हैं, पहली बार जम्मू-कश्मीर के लोग, ख़ास तौर पर कश्मीर के लोग, हमले के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरे हैं और अपना गुस्सा दिखाया है। उन तक ये संदेश नहीं पहुंचना चाहिए कि उन सबको सज़ा दी जा रही है।
अब्दुल्ला ने कहा, “ऐसा नहीं लगना चाहिए कि कुछ अपराधियों को पकड़ने के लिए हम कई स्थानीय लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं। हमें सावधान रहने और तार्किक तरीके से कदम उठाने की जरूरत है।” पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आज पुंछ और राजौरी जिलों सहित घाटी के कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, पुलिस अधिकारियों ने कई सड़कों पर वाहन जांच चौकियां स्थापित की हैं। पुंछ और राजौरी से मिली तस्वीरों में सुरक्षा बलों को वाहनों की बेतरतीब ढंग से जांच करते, लोगों से पहचान पत्र मांगते और कभी-कभी लोगों के बैग भी चेक करते हुए दिखाया गया है।