पनामा में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवाद को पाकिस्तान द्वारा निरंतर समर्थन दिए जाने की कड़ी निंदा की। सोसिएदाद हिंदोस्तान डी पनामा में बोलते हुए थरूर ने कहा कि भारत के शांतिपूर्ण इरादों का पाकिस्तान ने सम्मान नहीं किया है। अकेले रहने की हमारी इच्छा का जवाब नहीं दिया गया है। उन्होंने हम पर बार-बार हमला किया है क्योंकि वे उस क्षेत्र को चाहते हैं जिस पर हमारा नियंत्रण है और जो हमारी संप्रभु सीमाओं का हिस्सा है।
उन्होंने श्रोताओं को याद दिलाया कि भारत ने लगभग चार दशकों तक आतंकवादी हमलों को झेला है, जिसकी शुरुआत 1989 में कश्मीर में संघर्ष से हुई थी। हम पिछले करीब चार दशकों से लगातार हमले झेल रहे हैं। 1989 में कश्मीर में हुए पहले हमले से लेकर अब तक हमने लगातार नागरिकों को पीड़ित होते देखा है। थरूर ने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है कि हम दर्द, दुख, घाव, नुकसान सहते रहें और फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहें कि देखिए हमारे साथ क्या हो रहा है। कृपया हमारी मदद करें। कृपया अपराधियों पर दबाव डालें।
थरूर ने आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण में भारत के बदलाव को उजागर किया, उन्होंने 2016 में उरी में की गई सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में बालाकोट हवाई हमलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “पहली बार हमने नियंत्रण रेखा और बाद में अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किया और पाकिस्तानी क्षेत्र में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की कार्रवाई ने हमलों के पीछे के लोगों को एक स्पष्ट संदेश दिया है: इसके परिणाम भुगतने होंगे। गौरतलब है कि भारत के कूटनीतिक प्रयासों के तहत सात प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर के देशों की 33 राजधानियों की यात्रा कर रहे हैं ताकि विशेष रूप से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर आतंकवाद को लेकर भारत की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान की मंशा के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी बात रखी जा सके।
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने छह मई की देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ढांचों पर सटीक हमले किए थे, जिसके बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले करने का प्रयास किया था। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी कार्रवाइयों का कड़ा जवाब दिया। दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच 10 मई को बातचीत के बाद सैन्य संघर्ष को रोकने पर सहमति बनी थी। पनामा की असेंबली की अध्यक्ष डाना कास्टानेडा ने कहा है कि पनामा शांति के इस अभियान में भारत के साथ खड़ा होना चाहता है, और हमें उम्मीद है कि हम आतंकवाद को हरा सकते हैं।