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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जिला प्रभारी मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों को बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के निर्देश दिए

कर्नाटक में इन दिनों बारिश ने कहर बरपाया हुआ है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस बीच जिला प्रभारी मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों को निर्देश दिया है कि वो बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें। सभी अधिकारी जमीनी स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। कर्नाटक के कई हिस्से इन दिनों भारी बारिश की चपेट में है। पूरे राज्य में बाढ़ के कारण संपत्ति को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

ये निर्देश इस चिंता के बीच जारी हुआ है कि लगातार बारिश होने के कारण निचले और भूस्खलन के क्षेत्रों में स्थिति और अधिक खराब होने की संभावना है। राज्य में लगातार बारिश होने की संभावना है। निचले इलाकों में बारिश से हालत खराब हो सकती है। कई संभावित क्षेत्रों में स्थिति खराब हो सकती है। राज्य में 22 मई से अबतक बारिश से संबंधित घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

बारिश को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “मंत्रियों और जिला प्रभारी सचिवों को तुरंत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए और स्थिति की व्यापक समीक्षा करनी चाहिए।” मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “उपायुक्त और जिला सचिव को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और राहत कार्यों को युद्ध स्तर पर चलाना चाहिए।” राहत एवं पुनर्वास प्रयासों का प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को 30 और 31 मई को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित करने को कहा। बैठक में उपायुक्त (डीसी), जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और जिला प्रभारी सचिव शामिल होंगे।

बैठक का एजेंडा जमीनी रिपोर्टों का आकलन करने, शीघ्र मुआवजा वितरण सुनिश्चित करने और संवेदनशील क्षेत्रों में आगे के एहतियाती उपायों का मूल्यांकन करने पर केंद्रित होगा। पिछले कुछ दिनों में तटीय और मलनाड क्षेत्रों सहित कर्नाटक के कई जिलों में भारी बारिश हुई है, जिसके कारण जलभराव, घरों को नुकसान, सड़कें अवरुद्ध और कुछ क्षेत्रों में मामूली भूस्खलन हुआ है। हालांकि अभी तक किसी बड़ी जनहानि की खबर नहीं है, लेकिन प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है।

अपनी तैयारी रणनीति के तहत सरकार ने राज्य भर में 170 तालुकों की पहचान बाढ़ या भूस्खलन के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में की है। सीएमओ ने कहा, “एहतियाती कदम के तौर पर राज्य भर में 2,296 देखभाल और आश्रय केंद्रों की पहचान की गई है।” इन केन्द्रों से बड़े पैमाने पर निकासी की स्थिति में अस्थायी आश्रय के रूप में काम करने की उम्मीद है। बेंगलुरू में, जहां छिटपुट लेकिन तीव्र बारिश हुई है, बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने अपने अधिकार क्षेत्र में 201 बाढ़-प्रवण स्थानों का मानचित्रण किया है।

नागरिक एजेंसियों को निर्देश दिया गयाहै कि वे इन क्षेत्रों में जल स्तर बढ़ने पर तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रहें। निजी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचने की खबर है। 26 मई तक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्षाजनित घटनाओं के कारण कुल 45 घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, जबकि 1,385 घरों को आंशिक क्षति पहुंची है। सरकार का दावा है कि वित्तीय सहायता तुरंत मुहैया करा दी गई है। अधिकारियों ने बताया, “क्षतिग्रस्त घरों के लिए 99% योग्य मुआवज़ा पहले ही वितरित किया जा चुका है।”