आज सुबह का आगाज़ दुनियाभर के कई हिस्सों में डर और बेचैनी के साथ हुआ, जब अमेरिका से लेकर भारत तक एक के बाद एक कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भले ही अब तक किसी भी स्थान से जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है, लेकिन इन झटकों ने आम जनता के बीच डर और घबराहट का माहौल पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, हाल के महीनों में लगातार भूकंपों की संख्या में इज़ाफ़ा देखा गया है, जिससे लोग अधिक सतर्क और चिंतित हो गए हैं।
सबसे पहले भूकंप की खबर अमेरिका से सामने आई। सुबह 7 बजकर 17 मिनट पर न्यू मैक्सिको के कार्लसबाद शहर से करीब 89 किलोमीटर दूर व्हाइट सिटी इलाके में धरती कांपी। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 मापी गई और इसका केंद्र ज़मीन की सतह से 7.5 किलोमीटर नीचे था। झटके इतने तेज़ थे कि लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए और घंटों तक खुले मैदानों और सड़कों पर डटे रहे। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।
भारत के राजस्थान में भी लोगों ने महसूस किए झटके
भारत में भी आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। राजस्थान के झुंझुनूं ज़िले में सुबह करीब 9 बजकर 30 मिनट पर भूकंप आया जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 दर्ज की गई। भले ही झटके हल्के थे, लेकिन लोगों ने उन्हें साफ़ तौर पर महसूस किया और सुरक्षा के लिहाज़ से अपने घरों से बाहर निकल आए। इस क्षेत्र में भी किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप का केंद्र ज़मीन से 10 किलोमीटर की गहराई में बताया गया है।
मेघालय और मध्य प्रदेश में भी हल्की हलचल
इससे पहले पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य में भी भूकंप के हल्के झटके दर्ज किए गए थे। सुबह 7 बजकर 56 मिनट पर गारो हिल्स के उत्तर में रिक्टर स्केल पर 2.6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र ज़मीन से 10 किलोमीटर नीचे था। मेघालय में भी भूकंप के चलते लोग थोड़ी देर के लिए सतर्क हो गए, लेकिन किसी प्रकार की हानि नहीं हुई।
बीती रात मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में भी धरती हिली थी। रात लगभग 9 बजकर 40 मिनट पर रिक्टर स्केल पर 2.8 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र ज़मीन से 5 किलोमीटर नीचे था। हल्के झटकों के बावजूद लोगों ने अपने घरों के दरवाज़े और पंखों को हिलते हुए देखा, जिससे वे घबरा गए और घरों से बाहर निकल आए।
लगातार बढ़ते भूकंपों से चिंता, सतर्कता की ज़रूरत
इन सब घटनाओं ने एक बार फिर इस बात की याद दिला दी है कि धरती के भीतर की हलचलें कभी भी, कहीं भी बड़ी तबाही ला सकती हैं। भले ही इन झटकों से अभी तक कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन बार-बार आ रहे भूकंपों ने साफ संकेत दे दिए हैं कि सतर्कता और तैयारियां समय की मांग हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि टेक्टॉनिक प्लेट्स की हलचल और बदलती जलवायु इन घटनाओं के पीछे हो सकती हैं, और यह भविष्य में और गंभीर रूप ले सकती हैं।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (भारत) और यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने सभी भूकंपों की पुष्टि करते हुए स्थिति पर नज़र बनाए रखने की बात कही है।