कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बिहार दौरे से कुछ ही दिन पहले पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कटिहार जिले के 17 प्रमुख नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। यह राजनीतिक बदलाव वरिष्ठ कांग्रेस नेता और छह बार के सांसद तारिक अनवर के खिलाफ गंभीर आरोपों के साथ हुआ है। इससे पार्टी के भीतर दरार और गहरी हो गई है और राज्य में कांग्रेस की ताकत पर सवाल उठ रहे हैं। इस नाटकीय बदलाव का नेतृत्व कांग्रेस से जुड़े श्रमिक संगठन INTUC के अध्यक्ष विकास सिंह ने किया। उन्होंने तारिक अनवर पर अपने कार्यों और बयानबाजी दोनों में उच्च जाति विरोधी मानसिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
पटना में आयोजित एक समारोह में बिहार के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होते हुए सिंह ने कहा, “यह तो बस शुरुआत है। आने वाले दिनों में सैकड़ों-हजारों कार्यकर्ता भाजपा में शामिल होने के लिए तैयार हैं।” सिंह के अनुसार, 17 प्रभावशाली उच्च जाति के कांग्रेस नेताओं का पाला बदलने का फैसला अनवर के कथित पक्षपात और रवैये के खिलाफ बढ़ते आक्रोश से उपजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अनवर की कार्यशैली ने उच्च जाति के समर्थकों के एक बड़े वर्ग को अलग-थलग कर दिया है – कटिहार में एक प्रभावशाली मतदाता समूह, जहाँ जातिगत गतिशीलता अक्सर चुनावी नतीजों को आकार देती है।
नेताओं का पलायन और जातिगत आक्रोश ऐसे समय में सामने आया है जब कांग्रेस पहले से ही इंडिया ब्लॉक के भीतर आंतरिक असंतोष का सामना कर रही है। इस तरह के घटनाक्रम तारिक अनवर के पारंपरिक समर्थन आधार को खत्म कर सकते हैं और उनकी छवि को धूमिल कर सकते हैं। अनवर के नेतृत्व में लंबे समय से कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला कटिहार अब राजनीतिक रूप से कमजोर होता दिख रहा है। इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रभाव रखने वाला उच्च जाति समुदाय अब कांग्रेस से दूर जा सकता है – अगर इस पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो यह पार्टी के लिए संभावित चुनावी बोझ बन सकता है।