नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, जब जस्टिस बेला त्रिवेदी ट्रायल कोर्ट में जज बनीं, उस समय उनके पिता भी उसी अदालत में जज थे। इस खास पिता-पुत्री की जोड़ी को ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ ने 1996 में अपने संस्करण में दर्ज किया था।
सुप्रीम कोर्ट की 11वीं महिला जज जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल पूरा कर न्यायिक सेवा से विदाई ली। वे लगभग साढ़े तीन साल तक सुप्रीम कोर्ट की पीठ का हिस्सा रहीं। जस्टिस त्रिवेदी का न्यायिक सफर खास रहा क्योंकि उन्होंने जुलाई 1995 में गुजरात के ट्रायल कोर्ट (सिटी सिविल एंड सेशन्स कोर्ट) से अपने करियर की शुरुआत की और वहां से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने वाली दुर्लभ महिला जजों में शामिल हुईं।
जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी के बारे में जानिए