नाटकीय घटनाक्रम में बिहार के मधुबनी की एक अदालत ने कोलकाता स्थित एक निर्यात कंपनी को 4 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया भुगतान न करने पर जिला समाहरणालय की नीलामी का आदेश दिया है। नजारत सिविल कोर्ट मधुबनी के आदेश के बाद सिविल कोर्ट के नाजिर दुर्गानंद झा ने मंगलवार को समाहरणालय के मुख्य द्वार पर नीलामी नोटिस चिपका दिया। नोटिस के अनुसार, मेसर्स राधाकृष्ण एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता को बकाया राशि का भुगतान करने के लिए समाहरणालय को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है, अन्यथा नीलामी की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।
नोटिस में कहा गया है, “आपको सूचित किया जाता है कि उपर्युक्त मामले आर्बिट्रेशन एक्सेक-03/2016 में माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में डिक्री धारक मेसर्स राधाकृष्ण एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता के पक्ष में आदेशित राशि का भुगतान 15 दिनों के भीतर करेगा। अन्यथा, आपकी जमीन और घर की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।” याचिकाकर्ता कंपनी के निदेशक रतन कुमार केडिया के वकील वरुण कुमार झा ने बताया कि मेसर्स राधाकृष्ण एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और पंडौल कोऑपरेटिव कॉटन मिल, बिहार सरकार व अन्य के बीच मामला चल रहा है। झा ने बताया कि उनके मुवक्किल द्वारा पंडौल कोऑपरेटिव कॉटन मिल में निवेश की गई पूंजी व कच्चे माल की राशि वर्षों से लंबित है।
पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश घनश्याम प्रसाद ने राशि भुगतान का आदेश दिया था। इसके बावजूद राशि का भुगतान नहीं किया गया। झा ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी राज्य सरकार और कॉटन मिल के अधिकारियों ने कंपनी को 4,17,24,459 रुपये का भुगतान नहीं किया। राशि जमा नहीं करने पर 2016 में मधुबनी जिला न्यायालय में मामला दर्ज कराया गया था। सिविल कोर्ट के नाजिर दुर्गानंद झा ने बताया कि 9 साल बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया है। समाहरणालय के दक्षिण दिशा में 10 कट्ठा जमीन और दो मंजिला भवन की नीलामी की जाएगी।