केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) की सराहना की, जिससे भारत आपदा प्रबंधन में वैश्विक नेता बनने के करीब पहुंच गया। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इंटरस्टेट मॉक ड्रिल को सालाना कार्यक्रम बनाया जाए। मेरा मानना है कि राज्यों की मदद के बिना यह संभव नहीं है। कई चक्रवात, कई आपदाएँ ऐसी होती हैं जिनके लिए इंटरस्टेट मॉक ड्रिल की आवश्यकता होती है और हम राज्यों की मदद के बिना यह नहीं कर सकते।
अमित शाह ने आगे कहा कि हम आने वाले दिनों में इस पर आगे बढ़ना चाहते हैं। हम स्टार्टअप इंडिया को आपदा राहत तकनीक के विकास से भी जोड़ना चाहते हैं। मैं आपको पहले से बता रहा हूँ कि राज्यों को भी इसके लिए मंथन शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जो काम किया है, वह सराहनीय है। आपदा से बचाव के बारे में सोचना अधूरा दृष्टिकोण है। समग्र दृष्टिकोण में ऐसी धरती का निर्माण शामिल है, जहाँ कोई आपदा न आए…हमें इस दृष्टिकोण को लोकप्रिय बनाना चाहिए। अगर हम पर्यावरण संरक्षण के बारे में नहीं सोचेंगे तो हम आपदा से खुद को नहीं बचा पाएंगे।
शाह ने कहा कि हम सबके लिए यह हर्ष का विषय है कि 10 वर्षों के भीतर ही NDMA, NDRF और CDRI इन तीनों संस्थाओं ने भारत को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने के और करीब ला दिया है। NDMA ने नीतिगत मामलों की संरचना, शोध कार्य, विभिन्न प्रकार के अध्ययनों के लेखों को लोगों तक पहुँचाना, अनेक ऐप बनाना और नीतिगत मामलों के समग्र समन्वय में बहुत बढ़िया काम किया है…NDRF ने पूरे देश में अपनी छवि बनाई है, ख्याति और सम्मान भी कमाया है।