लंदन लॉर्ड्स में भारतीय गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया और एक खास रिकॉर्ड अपने नाम किया। टीम इंडिया 93 साल से टेस्ट क्रिकेट खेल रही है। पहली बार भारत ने एक टेस्ट मैच में विपक्षी टीम के 12 बल्लेबाजों को बोल्ड कर पवेलियन भेजा है।
लॉर्ड्स में भारतीय गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया और एक खास रिकॉर्ड अपने नाम किया। टीम इंडिया 93 साल से टेस्ट क्रिकेट खेल रही है। पहली बार भारत ने एक टेस्ट मैच में विपक्षी टीम के 12 बल्लेबाजों को बोल्ड कर पवेलियन भेजा है। इससे पहले 2024 में भारत ने हैदराबाद में इंग्लैंड के 10 खिलाड़ियों को बोल्ड किया था। इस टेस्ट में कुल 15 खिलाड़ी बोल्ड हुए। इंग्लैंड के 12 और भारत के तीन खिलाड़ी बोल्ड हुए। यह भी एक रिकॉर्ड है। 21वीं सदी में पहली बार एक टेस्ट में इतने खिलाड़ी बोल्ड हुए।
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच जमैक के किंग्सटन में खेले गए तीसरे टेस्ट में भी 15 ही खिलाड़ी बोल्ड हुए और उन्होंने बराबरी की। 21वीं सदी में बस इन्हीं दो मैचों में इतने खिलाड़ी बोल्ड हुए। इतना ही नहीं, लॉर्ड्स के दो योद्धाओं, बेन स्टोक्स और रवींद्र जडेजा ने भी रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराया।
जडेजा ने इंग्लैंड में लगातार चार पारियों में अर्धशतक लगाए। लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने नाबाद 61 रन बनाए। इससे पहले उन्होंने इसी टेस्ट की पहली पारी में 72 रन बनाए थे। वहीं, एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में 89 रन और दूसरी पारी में नाबाद 69 रन बनाए थे। वह इंग्लैंड में लगातार चार या इससे ज्यादा 50+ के स्कोर बनाने वाले तीसरे भारतीय बने। उनसे पहले ऋषभ पंत ने लगातार पांच 50+ स्कोर बनाए थे, जबकि सौरव गांगुली ने साल 2002 में लगातार चार 50+ स्कोर बनाए थे। जडेजा ने 150 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया, जो कि टेस्ट में उनका टेस्ट में सबसे धीमा अर्धशतक रहा। इस सीरीज का भी यह सबसे धीमा अर्धशतक रहा। इतना ही नहीं, जडेजा लॉर्ड्स में एक ही टेस्ट में दो अर्धशतक लगाने वाले पहले भारत के पहले निचले क्रम के बल्लेबाज (छह से 11वें नंबर तक) बन गए। उनसे पहले लॉर्ड्स में चार विदेशी बल्लेबाजों (इंग्लैंड के अलावा) ने ऐसा किया है, लेकिन इनमें कोई भी भारतीय नहीं है।
इंग्लैंड में भारत के लिए लगातार चार 50+ स्कोर
खिलाड़ी | कितने | अवधि |
---|---|---|
ऋषभ पंत | 5 | 2021–2025 |
सौरव गांगुली | 4 | 2002 |
रवींद्र जडेजा | 4* | 2025 |
लॉर्ड्स में टेस्ट की दोनों पारियों में किसी
विदेशी लोअर ऑर्डर बैटर (6 से 11) द्वारा दो 50+ के स्कोर
पहली पारी | दूसरी पारी | बल्लेबाज़ | साल |
---|---|---|---|
55 | 55 | विक पोलार्ड (न्यूजीलैंड) | 1965 |
111 | 94 | दुलीप मेंडिस (श्रीलंका) | 1984 |
53 | 52 | जेफ डुजॉन (वेस्टइंडीज) | 1988 |
81 | 95 | गस लोगी (वेस्टइंडीज) | 1988 |
72 | 61* | रवींद्र जडेजा (भारत) | 2025 |

वहीं, अगर मुख्य बल्लेबाजों को भी मिला दें तो जडेजा लॉर्ड्स की दोनों पारियों में 50+ रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं। उनसे पहले वीनू मांकड़ ने 1952 में ऐसा किया था। तब उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में 72 रन और दूसरी पारी में 184 रन बनाए थे। सातवें से 11वें नंबर तक बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ियों में जडेजा इंग्लैंड में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले विदेशी खिलाड़ी बन गए हैं। उनके नाम इंग्लैंड में 13 मैचों की 23 पारियों में 37.65 की औसत से 753 रन हैं। उन्होंने इस मामले में ऑस्ट्रेलिया के रॉड मार्श का रिकॉर्ड तोड़ा। रॉड मार्श ने 20 टेस्ट की 32 पारियों में 25.13 की औसत से 729 रन बनाए थे।
लॉर्ड्स टेस्ट की दोनों पारियों में 50+ स्कोर बनाने वाले भारतीय
बल्लेबाज | साल | पहली पार | दूसरी पारी |
---|---|---|---|
वीनू मांकड़ | 1952 | 72 | 184 |
रवींद्र जडेजा | 2025 | 72 | 61* |
इंग्लैंड में किसी विदेशी लोअर ऑर्डर बैटर (7 से 11) द्वारा सबसे ज्यादा रन
बल्लेबाज | पारियां | रन | औसत | 100/50 |
---|---|---|---|---|
रवींद्र जडेजा | 23 | 753 | 37.65 | 1/5 |
रॉड मार्श | 32 | 729 | 25.13 | 0/6 |
कपिल देव | 19 | 638 | 37.52 | 1/4 |
इयान हीली | 22 | 582 | 30.63 | 1/3 |
जडेजा के 7000 अंतरराष्ट्रीय रन पूरे, 600 विकेट भी लिए
जडेजा ने तीनों प्रारूपों को मिलाकर 7000 रन भी पूरे कर लिए। उनके नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 611 विकेट भी हैं। जडेजा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सात हजार रन बनाने और 600+ विकेट लेने वाले भारत के केवल दूसरे और ओवरऑल चौथे खिलाड़ी हैं। उनसे पहले पूर्व कप्तान कपिल देव ने ऐसा किया था। कपिल के नाम 687 विकेट और 9031 रन हैं। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर शॉन पोलक और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन ने ऐसा किया है।
जडेजा ने अगरकर के बाद सबसे ज्यादा गेंदें खेलीं
181 गेंद खेलने के साथ ही जडेजा ने लॉर्ड्स में एक और रिकॉर्ड बनाया। वह इस मैदान पर किसी एक टेस्ट की चौथी पारी में सबसे ज्यादा गेंद खेलने वाले भारतीय बल्लेबाजों में दूसरे नंबर पर पहुंच गए। इस मामले में उनसे ऊपर केवल अजीत अगरकर हैं। अगरकर ने साल 2002 में लॉर्ड्स टेस्ट की चौथी पारी में 190 गेंदें खेलीं थीं। वहीं, जडेजा ने धोनी का रिकॉर्ड तोड़ा। धोनी ने साल 2007 में लॉर्ड्स टेस्ट की चौथी पारी में 159 गेंदें खेली थीं।

इंग्लैंड के कप्तान स्टोक्स ने भी रिकॉर्ड बनाया। 14 जुलाई की तारीख उनके लिए खास है। 2019 में इंग्लैंड ने 14 जुलाई को ही विश्व कप अपने नाम किया था। तब भी स्टोक्स फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे। तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने ठीक छह साल पहले 14 जुलाई, 2019 को इसी लॉर्ड्स मैदान पर वनडे विश्व कप के फाइनल में सुपर ओवर फेंका था और चार साल से अधिक समय बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करते हुए सोमवार को उन्होंने 55 रन देकर तीन विकेट चटकाते हुए इंग्लैंड की जीत में एक बार फिर अहम भूमिका निभाई। स्टोक्स का आर्चर को शामिल करने का फैसला सही साबित हुआ। खुद स्टोक्सव ने इस टेस्ट की दोनों पारियों को मिलाकर 77 रन बनाए और पांच विकेट झटके। उन्हें इस प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया। यह लॉर्ड्स में टेस्ट में उनका चौथा प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड रहा, जो कि एक रिकॉर्ड है। उनसे पहले किसी ने इस स्थान पर इतने प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड नहीं जीते हैं।
लॉर्ड्स में स्टोक्स चौथी बार प्लेयर ऑफ द मैच
साल | खिलाफ | प्रदर्शन |
---|---|---|
2015 | न्यूज़ीलैंड | 193 रन और 3 विकेट |
2017 | वेस्टइंडीज | 60 रन और 6 विकेट |
2019 | ऑस्ट्रेलिया | 128 रन |
2025 | भारत | 77 रन और 5 विकेट |