बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से ‘महिला संवाद’ अभियान को हरी झंडी दिखाई। चुनाव से पहले महिलाओं तक अपनी पहुंच को मजबूत करने की दिशा में सरकार का ये महत्वपूर्ण कमद माना जा रहा है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि करीब 600 रथ, 70,000 से अधिक डोले दो करोड़ से अधिक महिलाओं से सीधा संवाद करेंगे। सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी की सरकार लगातार महिलाओं के लिए काम कर रही है। हम संवाद के जरिए उनकी समस्याएं सुनेंगे। हम लंबित काम पूरा करेंगे।
यह अभियान महिलाओं के बीच अपना समर्थन आधार मजबूत करने के लिए पिछले 19 वर्षों में सरकार द्वारा उठाए गए कल्याणकारी कदमों की याद दिलाएगी। चौधरी ने आगे कहा कि बिहार के लोगों ने लालू यादव को 15 साल तक देखा है। लोग समझते हैं और वे तय करेंगे कि किसने काम किया और किसने नहीं। नीतीश कुमार सीएम हैं और हम उनके नेतृत्व में (आगामी बिहार विधानसभा चुनाव) लड़ेंगे।
सूत्रों ने बताया कि पूरे राज्य में यह कार्यक्रम अगले दो महीने तक चलेगा। संवाद के माध्यम से महिलाओं को सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी जाएगी, जिसमें बिहार राज्य महिला सशक्तीकरण नीति, 2015, स्वयं सहायता समूह, जीविका, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, स्कूली छात्राओं के लिए पोशाक और साइकिल योजना, शराबबंदी और बाल विवाह व दहेज के खिलाफ उठाए गए कदम शामिल हैं। संवाद कार्यक्रम के माध्यम से राज्य सरकार बिहार में महिलाओं की समस्याओं को भी समझने की कोशिश करेगी। संवाद का एक उद्देश्य विकास पर महिलाओं के विचार जानना भी है। उनकी समस्याओं और विचारों को राज्य मुख्यालय तक पहुंचाया जाएगा, ताकि समाधान की योजना बनाई जा सके।
इससे पहले नीतीश ने अपनी प्रगति यात्रा पूरी की और राज्य के 38 जिलों में करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जीविका के माध्यम से प्रतिदिन राज्य के 1200 गांवों में महिला संवाद आयोजित किया जाएगा। इस तरह के संवादों की सबसे अधिक संख्या मुजफ्फरपुर जिले में होगी। अकेले पटना जिले में करीब 1400 बैठकें होनी हैं।