अहमदाबाद अहमदाबाद विमान हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री रमेश विश्वास ने अपना खौफनाक अनुभव साझा किया है। उन्होंने बताया कि मेरे आसपास लाशें बिखरी पड़ी थीं। मैं घबरा गया और बाहर की ओर दौड़ा।
अहमदाबाद विमान हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री रमेश विश्वास कुमार का अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसे की भयावहता को उन्होंने महसूस किया है। हादसे के बाद आज पीएम मोदी ने रमेश विश्वास से मुलाकात की। इसके बाद दूरदर्शन से बातचीत में रमेश विश्वास ने आपबीती बयां की।
नजरों के सामने एयर होस्टेस खत्म हो गईं…
” सब कुछ मेरी नजरों के सामने हुआ। …मुझे खुद भरोसा नहीं हो रहा कि मैं कैसे उसमें से जिंदा बाहर निकल सका। क्रैश होने के बाद कुछ देर के लिए मुझे लगा कि मैं भी मरने ही वाला हूं। जब आंख खुली तो एहसास हुआ कि मैं जिंदा हूं। मैंने सीट बेल्ट खोला और मैंने बाहर निकलने की कोशिश की। मेरी नजरों के सामने एयर होस्टेस और कुछ अंकल-आंटी खत्म हो गए। ”
ऐसा लगा प्लेन कहीं फंस गया है…
” टेक ऑफ होते ही एक मिनट बाद 5-10 सेकंड के लिए लगा कि प्लेन कहीं फंस गया है। बाद में प्लेन में हरी और सफेद लाइटें ऑन हो गईं। फिर उसकी रफ्तार अचानक बढ़ गई और वह तेज रफ्तार के साथ एक इमारत (हॉस्टल) से जा टकराया। ”
दीवार थी, इसलिए बाकी यात्री नहीं बच सके…
” मैं जिस तरफ था, वहां से प्लेन जमीन की तरफ क्रैश हुआ था। वहां थोड़ी जगह थी। मैं जहां था, वहां प्लेन का दरवाजा टूटा। वहां थोड़ी जगह बनी। मैंने बाहर आने की कोशिश की तो मैं बाहर आ पाया। विमान के अंदर मेरी विपरीत दिशा जो लोग बैठे थे, प्लेन क्रैश होने पर उनकी तरफ इमारत की दीवार आ गई, शायद इसलिए वो नहीं निकल पाए। …जब भीषण आग लगी तो मेरा एक हाथ भी जल गया। फिर मैं पैदल चलकर कुछ दूर आया। फिर एंबुलेंस मिल गई और अस्पताल पहुंच सका। ”