छत्तीसगढ़ के सुकमा में नौ महिला नक्सलियों समेत 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। डीआईजी (सीआरपीएफ) आनंद सिंह राजपुरोहित ने कहा कि नौ महिला नक्सलियों समेत 22 नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें से दो नक्सलियों पर 8 लाख रुपये का इनाम है, जबकि दो अन्य पर 5-5 लाख रुपये का इनाम है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और कैंप बनाए जा रहे हैं, साथ ही सरकार की पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
राजपुरोहित ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आज आत्मसमर्पण करने वाले सभी लोग मुख्यधारा में शामिल होकर समाज के लिए बेहतर काम करेंगे। आत्मसमर्पण करने वाले 22 नक्सलियों में पांच—पांच लाख रुपए के इनामी किकिड़ देवे (30) और मनोज उर्फ दूधी बुधरा (28) तथा दो—दो लाख रुपए के इनामी माड़वी भीमा (30), माड़वी सोमड़ी (48), संगीता (24), माड़वी कोसी (24), वंजाम सन्नी (24), माड़वी मंगली (35) और ताती बंडी (35) शामिल हैं। वहीं नक्सली पुनेम जोगा पर 50 हजार रुपए का इनाम है। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की नई पुनर्वास नीति के तहत 50—50 हजार रुपए प्रदान किया गया है। उन्हें अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत में सिर्फ चार जिलों तक सीमित नक्सलवाद को अगले साल 31 मार्च तक खत्म कर दिया जाएगा और सीआरपीएफ इस मिशन की रीढ़ है। वह मध्यप्रदेश के नीमच जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 86वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, नक्सलवाद भारत में सिर्फ चार जिलों तक सीमित रह गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि 31 मार्च 2026 तक देश से यह समस्या खत्म हो जाएगी। सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और सीआरपीएफ, खासकर इसकी कोबरा बटालियन देश से नक्सलवाद को खत्म करने में अहम भूमिका निभा रही है।