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टेस्ट से संन्यास लेने के बाद विराट कोहली इन दिनों भगवान के दर पर माथा टेकने पहुंचे, अयोध्या में रामलला और हनुमान गढ़ी मंदिर में दर्शन किए और आशीर्वाद लिया

अयोध्या विराट इन दिनों लखनऊ में ही हैं। लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ आरसीबी को 27 मई को मुकाबला खेलना है। इससे पहले विराट ने अनुष्का के साथ अयोध्या जाने का मन बनाया। दोनों ने रामलला और हनुमान गढ़ी मंदिर में दर्शन किए और आशीर्वाद लिया।

टेस्ट से संन्यास लेने के बाद विराट कोहली इन दिनों भगवान के दर पर माथा टेकने पहुंच रहे हैं। उनकी जीवन संगिनी अनुष्का शर्मा भी उनके साथ ही दिखती हैं। रविवार को विराट अनुष्का के साथ अयोध्या पहुंचे। उन्होंने भगवान रामलला और भगवान हनुमान के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने वहां पूजा अर्चना की और भगवान के दर पर माथा टेका। हनुमान गढ़ी मंदिर में उनके पूजा अर्चना का वीडियो भी सामने आया है। हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी ने उन्हें फूल माला पहनाया और टीका लगाया। विराट इससे पहले वृंदावन भी पहुंचे थे और वहां संत प्रेमानंद महाराज के आश्रम जाकर उनसे आशीर्वाद लिया था।

कोहली फिलहाल आईपीएल में व्यस्त हैं और अपने आखिरी लीग राउंड के मैच के लिए लखनऊ में हैं। लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ आरसीबी को 27 मई को मुकाबला खेलना है। इससे पहले विराट ने अनुष्का के साथ अयोध्या जाने का मन बनाया। इन दोनों ने भगवान राम के मंदिर और हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना की। विराट ने इसी महीने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था और अब वह भारत के लिए सिर्फ वनडे खेलते नजर आएंगे। दोनों ने वहां मंदिर में काफी समय बिताया।

हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी संजय दास जी महाराज ने कहा, ‘विराट कोहली और अनुष्का शर्मा को आध्यात्म, संस्कृति, ईश्वर और सनातन धर्म से गहरा लगाव है। उन्होंने भगवान रामलला के दर्शन किए और फिर भगवान हनुमान से आशीर्वाद लिया। उन्होंने यहां आध्यात्म और पौराणिक बातों पर भी चर्चा की। उन दोनों ने रामलला का परिक्रमा भी किया और हनुमान जी का आशीर्वाद भी लिया। निश्चित ही हनुमान जी का आशीर्वाद लिया है तो फल मिलेगा ही।’

13 मई को वृंदावन पहुंचे थे विराट कोहली
इससे पहले 13 मई को विराट अनुष्का के साथ वृंदावन पहुंचे थे। यहां उन्होंने श्रीराधे हित केली कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद महाराज से भेंट की। इस दौरान दोनों ने संत महाराज से आशीर्वाद लिया और आध्यात्मिक चर्चा में भाग लिया। संन्यास के बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति रही थी। संन्यास के बाद सीधे आध्यात्मिक शांति की तलाश में वह वृंदावन पहुंचे।