कोलकाता कलकत्ता हाई कोर्ट ने तलाक के एक मामले में निचली अदालत के जज की आलोचना की, क्योंकि उन्होंने तथ्यों की अनदेखी कर एकतरफा फैसला दिया था। कोर्ट ने जज को भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने की चेतावनी दी।
कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ ने तलाक के एक मामले में निचली अदालत के जज के फैसले पर नाराजगी जताई। दरअसल, जज ने पति द्वारा क्रूरता और परित्याग के आधार पर तलाक के लिए दायर मुकदमे को एकतरफा खारिज कर दिया था।
बेंच ने कहा कि वह निचली अदालत के जज के खिलाफ कोई गंभीर टिप्पणी करने से सिर्फ इसलिए बच रही है क्योंकि इससे उनके सेवा रिकॉर्ड पर असर पड़ सकता है। हालांकि, कोर्ट ने चेतावनी दी कि भविष्य में अगर ऐसे ही पिछले फैसलों की ‘कॉपी-पेस्ट’ या कल्पनाओं पर आधारित फैसले दिए गए, तो उन्हें सेवा रिकॉर्ड में दर्ज किया जा सकता है।