नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की। उन्होंने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ संघर्ष समाप्त करने में किसी मध्यस्थता या व्यापार समझौते की कोई भूमिका नहीं थी। कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद पीएम मोदी ने ट्रंप से बात की। ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटने पर अमेरिका आ सकते हैं? प्रधानमंत्री ने पूर्व कार्यक्रमों का हवाला देते हुए ऐसा करने में असमर्थता जताई।
कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मलेन को बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौटे डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की है। दोनों के बीव करीब 35 मिनट तक बातचीत हुई है। इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पड़ोसी मुल्क के आह्वान के बाद दोनों देशों की आपसी सहमति से ही हुआ। इसमें किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी और न ही किसी ट्रेड डील पर बात हुई थी। बातचीत ऐसे वक्त हुई है, जब पीएम मोदी आज जी7 में हिस्सा लेने के बाद कनाडा से क्रोएशिया रवाना हुए हैं।
विक्रम मिस्री ने बताया, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से साफ-साफ कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी और किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका ट्रेड डील या भारत-पाकिस्तान मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। सैन्य कार्रवाई रोकने के बात सीधे भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच मौजूद चैनल के जरिए हुई थी। पाकिस्तान के आग्रह के बाद ही यह बातचीत हुई थी।’
ट्रंप से बोले मोदी- भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है
विक्रम मिस्री ने आगे बताया, ‘पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने न कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा। इस विषय पर भारत में पूर्ण रूप से राजनीतिक एकमत है। ट्रंप ने पीएम मोदी की ओर से बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद को अब प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि युद्ध के रूप में ही देखता है। भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।’