आज यानी की 01 जुलाई को भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। वेंकैया नायडू ने राष्ट्रसेवा और जनसेवा को हमेशा सर्वोपरि रखा है। उन्होंने राजनीति में अपने शुरूआती दिनों से लेकर उपराष्ट्रपति जैसे शीर्ष पद तक और भारतीय राजनीति की जटिलताओं को सरलता और विनम्रता से पार किया है। वह अपनी हाजिरजवाबी, वाकपटुता के लिए भी जाने जाते हैं, साथ ही वह विकास से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते हैं। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर वेंकैया नायडू के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और शिक्षा
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम में 01 जुलाई 1949 को वेंकैया नायडू का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा नेल्लोर के वी.आर. हाई स्कूल से पूरी की। फिर वी.आर. कॉलेज से राजनीति तथा राजनयिक अध्ययन में स्नातक किया। साल 1974 में वह आंध्र विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष बने।
राजनीतिक सफर
वेंकैया नायडू आंध्र प्रदेश में छात्र नेता के रूप में सक्रिय राजनीति से जुड़े थे। राजनीति के पहले पड़ाव पर ही उन्होंने अपनी प्रतिभा, वक्तृत्व क्षमता और संगठन कौशल की छाप छोड़ी थी। उन्होंने संघ के साथ काम करना पसंद किया और उन्होंने विचार को व्यक्तिगत हितों से ऊपर रखा। बाद में वेंकैया नायडू ने जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी को मजबूत किया। साल 1978 में आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में मतदान हुए, तब प्रतिकूल परिस्थितियों के बाद भी वेंकैया नायडू ने जीत हासिल की।
वहीं जब 5 साल बाद राज्य में एनटीआर की लोकप्रियता सबसे ज्यादा थी, तब भी नायडू भाजपा के विधायक चुने गए। उनकी इस जीत ने आंध्र प्रदेश समेत दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी के लिए भविष्य के बीज बोने का काम किया था। अटल बिहारी सरकार में जब नायडू से पूछा गया कि वह किस मंत्रालय के तहत काम करना चाहते थे, तो उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्रालय को अपनी प्राथमिकता के रूप में चुना। एक मंत्री के तौर पर ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ को जमीन पर उतारने में नायडू की अहम भूमिका थी। साल 2000 से 2004 तक वह भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं।
साल 2014 में जब एनडीए सरकार ने सत्ता संभाली, तब नायडू ने शहरी विकास, आवासन एवं शहरी गरीबी उन्मूलन जैसे अहम मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। वेंकैया नायडू के कार्यकाल के दौरान ही ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और अन्य शहरी विकास से संबंधी कई अहम योजनाएं शुरू हुईं।
उपराष्ट्रपति पद
साल 2017 में वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर नामित किया गया था। जिसके बाद 05 जुलाई 2017 को हुए चुनाव में वेंकैया नायडू ने गोपालकृष्ण गांधी को शिकस्त दी और वह भारत के 13वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए। वहीं 11 अगस्त 2017 को वह उपराष्ट्रपति बने, इस पद पर वह 10 अगस्त 2022 तक रहे।
सम्मान
साल 2024 में वेंकैया नायडू को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।