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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पीएम मोदी की वैश्विक स्तर पर प्रशंसा करते हुए कहा -उनकी ऊर्जा, सक्रियता और संवाद करने की इच्छाशक्ति भारत के लिए एक प्रमुख संपत्ति है

नई दिल्ली कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार पीएम मोदी और उनकी विदेश नीति की तारीफ करते नजर आए हैं। जो कि उनके पार्टी लाइन से एकदम अलग है। बता दें कि, शशि थरूर का मानना है कि राष्ट्रीय हितों और विदेश नीति पर एकता जरूरी है, और भारत की तकनीक, व्यापार और परंपरा की त्रिमूर्ति से एक न्यायसंगत, सुरक्षित और समृद्ध वैश्विक भूमिका निभाई जा सकती है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक स्तर पर भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी ऊर्जा, सक्रियता और संवाद करने की इच्छाशक्ति भारत के लिए एक प्रमुख संपत्ति है। हालांकि शशि थरूर की ये टिप्पणी कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक लाइन से मेल नहीं खाती, जो लगातार मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना कर रही है। कांग्रेस नेता का यह लेख एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ है, जिसमें उन्होंने हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की कूटनीतिक पहल को ‘राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संप्रेषण’ का उदाहरण बताया।थरूर ने क्या कहा?
शशि थरूर ने अपने लेख में लिखा, ‘प्रधानमंत्री मोदी की ऊर्जा, सक्रियता और वैश्विक स्तर पर संवाद की तत्परता भारत की एक बड़ी ताकत है, जिसे और अधिक समर्थन मिलना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की कूटनीतिक सक्रियता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया।

एकजुटता से मिली कूटनीतिक जीत- थरूर 
कांग्रेस नेता ने बताया कि उन्होंने एक सात सदस्यीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसने अमेरिका समेत गयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील जैसे देशों की यात्रा की। इन दौरों का उद्देश्य था दुनिया को यह समझाना कि भारत का हमला आतंकवाद के खिलाफ एक आत्मरक्षा का कदम था, न कि किसी राष्ट्र के खिलाफ युद्ध। उन्होंने कहा, ‘हमारी एकजुटता ने दुनिया के सामने एक मजबूत संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर एक स्वर में बोलता है, चाहे अंदरूनी राजनीति में कितने भी मतभेद हों।’

कोलंबिया का समर्थन, अमेरिका से भी सहमति
शशि थरूर ने दावा किया कि भारत की कूटनीति की सफलता इस बात से साबित होती है कि कोलंबिया ने अपने पहले दिए गए बयान (जिसमें पाकिस्तान में नागरिक मौतों पर संवेदना जताई गई थी) को वापस लेकर भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी भारतीय पक्ष को सहानुभूति मिली, जबकि वहां पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था। अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के इस दृष्टिकोण का समर्थन किया कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।

पार्टी लाइन से अलग थरूर की टिप्पणी
शशि थरूर की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना कर रही है, विशेषकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में मध्यस्थता के दावे को लेकर। थरूर की पार्टी के भीतर कई बार आलोचना हो चुकी है कि वे सरकार की कुछ विदेश नीति पहलों का समर्थन करते हैं। पिछले हफ्ते तिरुवनंतपुरम में उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी नेतृत्व से कुछ मुद्दों पर असहमति है, लेकिन वह इस पर अभी कुछ नहीं बोलेंगे क्योंकि नीलांबुर उपचुनाव सामने है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कूटनीतिक अभियान
भारत सरकार ने 33 वैश्विक राजधानियों में सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों को भेजा ताकि दुनिया को यह बताया जा सके कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत का यह जवाब जायज और संयमित था। थरूर ने लिखा, ‘हमने विस्तार से बताया कि भारत का सैन्य कदम आतंकियों के खिलाफ केंद्रित था, और नागरिकों या पाकिस्तानी सेना को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। यह एक संतुलित और नैतिक प्रतिक्रिया थी।’