पटना चुनाव आयोग के अधिकारियों ने ग्राउंड रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि घर-घर जाकर की गई जांच के दौरान बूथ स्तर के अधिकारियों द्वारा एक बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों का नाम मतदाता सूची में पाया गया है।
बिहार में मतदाता पुनरीक्षण कार्य जारी है। पिछले कुछ दिनों से सवाल उठ रहे थे कि बिहार में अवैध अप्रवासी भी यहां के मतदाता बन गए हैं। अब इसकी पुष्टि चुनाव आयोग ने कर दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं ने बिहार में चल रही मतदाता सूची की गहन समीक्षा के दौरान पाया कि इसमें नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों बड़ी संख्या में शामिल हैं। क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर इसकी जांच की तो पता चला।
चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के 38 जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) और 963 सहायक ईआरओ (एईआरओ) सहित क्षेत्र स्तरीय टीमों की निर्वाचन अधिकारी की ओर से बारीकी से निगरानी की जा रही है। चुनाव आयोग के इन प्रयासों के साथ ही सभी राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त 1.5 लाख बीएलए भी घर-घर जाकर हर मौजूदा मतदाता को शामिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं,
मतदाता सूची वितरण का काम पूरा
100 फीसदी मुद्रण पूरा होने और अपने पते पर पाए गए सभी मतदाताओं को मतदाता सूची वितरण का काम लगभग पूरा होने के बाद, आज शाम 6 बजे तक संग्रह 6,32,59,497 या 80.11 फीसदी पार कर गया। इसका मतलब है कि बिहार में हर 5 में से 4 मतदाताओं ने मतदाता सूची जमा कर दी है। इस गति से, अधिकांश ईएफ 25 जुलाई 2025 से काफी पहले एकत्र किए जाने की संभावना है।