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इस बार अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी और सख्त होगी, अमरनाथ यात्रा के लिए अर्धसैनिक बलों की 900 कंपनियों की तैनाती की गई है

इस वर्ष अमरनाथ यात्रा की शुरुआत तीन जुलाई से होगी। अमरनाथ यात्रा भगवान शिव की एक प्राचीन और प्रसिद्ध तीर्थयात्रा है, जिसे हर वर्ष सावन के महीने में शुरू किया जाता है। इस बार अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी और सख्त होगी। अमरनाथ यात्रा के लिए अर्धसैनिक बलों की 900 कंपनियों की तैनाती की गई है।

इस संबंध में गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि इस वर्ष अमरनाथ यात्रा में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिलेगी। यात्रा के लिए अर्धसैनिक बलों की 900 कंपनियां और सेना की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी। यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का यह फैसला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय नागरिक शामिल थे। इस हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष हुआ था।

बता दें कि दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ पवित्र गुफा मंदिर है, जिसकी 38 दिवसीय तीर्थयात्रा की शुरुआत इस वर्ष तीन जुलाई से हो रही है। इस यात्रा को लेकर अधिकारी ने बताया कि “एक पूर्णतया सुरक्षित सुरक्षा तंत्र तैयार करने के लिए विचार-विमर्श चल रहा है।” हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र द्वारा सीआरपीएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और बीएसएफ जैसे विभिन्न अर्धसैनिक बलों की लगभग 900 कंपनियों को तैनात किया जा सकता है।

 

उन्होंने बताया कि सेना संवेदनशील स्थानों की पहचान कर चुकी है। खासतौर से पहलगाम और बालटाल में दो बेस कैंप बनाए गए है। यहां से अमरनाथ की तीर्थयात्रा की शुरुआत होती है। अभी इन्हें बंद किया जाएगा। कमांडो की तैनाती भी की जाएगी ताकि गुफा मंदिर को भी सुरक्षित किया जा सके।”

 

मीडिया रिपोर्ट में अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा को लेकर एक खास रणनीति तैयार की जा रही है। यात्रा के लिए एक बहु-स्तरीय सुरक्षा ग्रिड स्थापित किया जाएगा। बता दें कि अमरनाथ गुफा मंदिर समुद्र तल से लगभग 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह पहलगाम से लगभग 45 किमी और बालटाल से 14 किमी दूर है।