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ज्योति ने जानबूझकर आईएसआई का साथ दिया, ताकि उसे विशेष सुविधाएं और वीआईपी ट्रीटमेंट मिले

हिसार जासूसी के शक में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा ने विशेष वीजा हासिल किया था। आईएसआई और पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दी थी। ज्योति ने जानबूझकर आईएसआई का साथ दिया, ताकि उसे विशेष सुविधाएं और वीआईपी ट्रीटमेंट मिले। फॉलोअर्स और व्यूज बढ़ाने के लिए पाकिस्तान की पॉजिटिव छवि बनाने में जुटी थी।

ज्योति मल्होत्रा ने पहली बार पाकिस्तान यात्रा के बाद विशेष वीजा हासिल किया था, जिसे आईएसआई और पाक गृह मंत्रालय की मंजूरी मिली थी। पुलिस का मानना है कि ज्योति ने जानबूझकर आईएसआई का साथ दिया, ताकि उसे विशेष सुविधाएं और वीआईपी ट्रीटमेंट मिल सके।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक ज्योति मल्होत्रा को पता था कि वह आईएसआई के हाथों में खेल रही है, इसके बावजूद फॉलोअर्स व व्यूज बढ़ाने के लिए पाकिस्तान की पॉजिटिव छवि बनाने और भारत में पाकिस्तान विरोधी नैरेटिव बदलने के लिए वीडियो बनाती रही।

चार पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के संपर्क में थी ज्योति
ज्योति के गैजेट्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक ज्योति चार पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के संपर्क में थी। ज्योति को इनके बारे में पूरी जानकारी थी। डिजिटल सबूतों से यह स्पष्ट हुआ कि ज्योति किसी ग्रुप चैट में नहीं, बल्कि केवल वन-ऑन-वन बातचीत में शामिल थी।

ज्योति की दानिश से थी नजदीकी
डिजिटल फॉरेंसिक जांच में पता चला है कि वह पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई की छवि बनाने वाली योजना में एसेट थी। ज्योति की दानिश से नजदीकी थी। हालांकि पुलिस को बेहद संवेदनशील जानकारी के लीक होने के सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस ज्योति को मिलने वाले फंड के स्रोतों की भी जांच कर रही है।
Jyoti Malhotra Youtuber Jyoti had obtained a special visa ISI and Pakistani Home Ministry had given approval
डिजिटल सबूतों की गहराई से जांच करेगी पुलिस
ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल-लैपटॉप से 12 टेराबाइट (टीबी) डाटा रिकवर किया गया है। इसमें काफी वीडियो हैं। पुलिस पहले डिजिटल सबूतों की गहराई से जांच करेगी। इसमें कम से कम 10 दिन का समय लग सकता है। इसी को ध्यान में रखते पुलिस की तरफ से अदालत में सोमवार को रिमांड की मांग नहीं की गई।
ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल-लैपटॉप से करीब 12 टेराबाइट (टीबी) डाटा मिला है। इतना डाटा चैक करने में समय लगता है। फिलहाल इससे अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता। ज्योति के किसी आतंकवादी संगठन के संपर्क में होने के सबूत नहीं मिले हैं।– शशांक कुमार सावन, पुलिस अधीक्षक,हिसार