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भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर संजय राउत ने उठाया सवाल, रिकॉर्ड उच्च बेरोजगारी और घटते विदेशी निवेश के बीच जश्न मनाने के आधार को चुनौती दी

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने बुधवार को भारत के दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर सवाल उठाया और रिकॉर्ड उच्च बेरोजगारी और घटते विदेशी निवेश के बीच जश्न मनाने के आधार को चुनौती दी। मीडिया से बात करते हुए राउत ने स्पष्ट रूप से टिप्पणी की कि जिस देश में 85 करोड़ लोग अभी भी मुफ्त खाद्यान्न पर निर्भर हैं, वहां इस तरह के दावे खोखले हैं। संजय राउत ने कहा कि जिस देश में आज भी प्रधानमंत्री मोदी को 85 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज देना पड़ रहा है, जहां बेरोजगारी अपने चरम पर है और विदेशी निवेश आना बंद हो गया है, आप किस आधार पर दावा कर रहे हैं कि हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं?

शुक्रवार शाम को नीति आयोग के सीईओ सुब्रह्मण्यम ने ‘विकसित भारत 2047 के लिए विकसित राज्य’ विषय पर 10वीं नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल मीटिंग की प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों का हवाला देते हुए भारत के शीर्ष थिंक टैंक के सीईओ ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े तक पहुंच गई है।

 

सुब्रह्मण्यम ने कहा कि मैं जब बोल रहा हूँ, तब हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हमारी अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की है। यह मेरा डेटा नहीं है; यह आईएमएफ का डेटा है। आज भारत जापान से बड़ा है। केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जर्मनी ही उससे बड़े हैं, और अगर हम उसी पर टिके रहें जो योजना बनाई जा रही है, जिस पर विचार किया जा रहा है, तो यह अगले दो से तीन साल की बात है; हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।

इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शीर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की सीढ़ी पर एक पायदान ऊपर जाने का दबाव बढ़ गया है, और यह भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के उत्साह और खुशी से कहीं आगे निकल गया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लक्ष्य स्पष्ट है कि वर्ष 2047 तक भारत को बिना किसी समझौते के विकसित राष्ट्र बनना होगा।