बिहार चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने बड़ा दांव खेला है। नीतीश सरकार ने अगड़ी जातियों के विकास के लिए बिहार राज्य उच्च जाति विकास आयोग बनाने की घोषणा की है। इसे चुनाव में अगड़ी जातियों के वोट को साधने की कोशिश के रूप में भी देखा जा सकता है। भाजपा नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह को बिहार राज्य उच्च जाति विकास आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
हालांकि, आपको हम यह भी बता दें कि बिहार में पहले भी सवर्ण आयोग हुआ करता था। ऐसे में नीतीश सरकार ने इसके पुनर्गठन का निर्णय लिया है। इससे पहले नीतीश सरकार ने बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया है। इसमें एक अध्यक्ष और 10 सदस्य होंगे। पार्टी से नाराज चल रहे जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि लखविंदर सिंह को उपाध्यक्ष, मौलाना उमर नूरानी को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति जनगणना कराने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया, जिसकी मांग वह जोर शोर से उठा रहे थे। जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष राज्य की राजधानी से करीब 140 किलोमीटर दूर काराकाट में प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा कर रहे थे, जहां प्रधानमंत्री ने 48,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। वर्ष 1990 के दशक से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी रहे नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नरेन्द्र मोदी जी भी हमारे राज्य के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं। आइए, हम सभी उनका अभिनंदन करें।’’