प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के काराकाट में एक जनसभा के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में एक समय जंगल राज था, जहां गरीबों के अधिकारों को कुचला जाता था और शक्तिहीन लोगों से जमीन छीन ली जाती थी। मोदी ने कहा कि पहले लोगों की जमीन छीन ली जाती थी। गरीबों से उनके अधिकार छीन लिए जाते थे। जंगल राज ने बिहार में जीवन को असहनीय बना दिया था। उन्होंने लालू प्रसाद के कार्यकाल की यादों को ताजा करते हुए एनडीए सरकार के कानून-व्यवस्था और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने की तुलना की।
मोदी ने अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि जिन लोगों ने बिहार को सबसे ज्यादा ठगा, जिनके दौर में बिहार के गरीब और वंचित तबके को बिहार छोड़कर जाना पड़ा, आज वही लोग सत्ता पाने के लिए सामाजिक न्याय का झूठ बोल रहे हैं। दशकों तक बिहार के दलित, पिछड़ों और आदिवासियों के पास शौचालय तक नहीं था। दशकों तक हमारे इन भाई-बहनों के पास बैंक में खाता तक नहीं था। बैंकों में उनकी एंट्री बंद थी। उन्होंने कहा कि यहां करोडों लोगों के सिर पर पक्की छत तक नहीं थी। बिहार के लोगों की ये दुर्दशा, पीड़ा, ये तकलीफ क्या कांग्रेस और RJD का यही सामाजिक न्याय था। इससे ज्यादा अन्याय कोई नहीं हो सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और RJD वालों ने कभी दलित, पिछड़ों की इतनी तकलीफों की चिंता तक नहीं की। ये लोग विदेशियों को बिहार की गरीबी दिखाने के लिए घुमाने लाते थे। उन्होंने कहा कि अब जब दलित, वंचित और पिछड़ा समाज ने कांग्रेस को उसके पापों की वजह से छोड़ दिया है, तो इन्हें अपना अस्तित्व बचाने के लिए सामाजिक न्याय की बातें याद आ रही है। उन्होंने कहा कि जब यहां नीतीश कुमार के नेतृत्व में जंगलराज वाली सरकार को बर्खास्त किया गया, तो बिहार भी प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने लगा। टूटे हुए हाईवे, खराब रेलमार्ग, सीमित फ्लाइट कनेक्टिविटी, वो दौर अब इतिहास बन चुका है। बिहार में फोर लेन हाईवे का जाल बिछाया जा रहा है। सभी प्रमुख नदियों पर पुल बनाए जा रहे हैं।
मोदी ने दावा किया कि बिहार में रेलवे की स्थिति भी तेजी से बदल रही है… ये विकास कार्य पहले भी हो सकते थे। लेकिन बिहार में रेलवे के आधुनिकीकरण का जिम्मा जिन लोगों पर था, उन्होंने गरीबों की जमीन लूटी। ये उनके सामाजिक परिवर्तन के तरीके थे: गरीबों को लूटना और उनकी मजबूरी का फायदा उठाना। बिहार के लोगों को भविष्य में भी जंगलराज के झूठ और छल से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने बिहार को सबसे ज्यादा धोखा दिया, जिनके राज में गरीबों और वंचितों को बिहार छोड़ना पड़ा, आज वही लोग सामाजिक न्याय की झूठी बातें बोल रहे हैं। दशकों तक दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के पास शौचालय तक नहीं था। उन्हें बैंकों में भी जाने की इजाजत नहीं थी… क्या बिहार के लोगों की यही दुर्दशा, दर्द और तकलीफ कांग्रेस और आरजेडी का सामाजिक न्याय था?