प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत की डिजिटल और तकनीकी प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि देश नवाचार और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिजिटल प्रगति भी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में देश के प्रयासों को मजबूत कर रही है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पीएम मोदी ने MyGovIndia का एक पोस्ट साझा किया, जिसमें बताया गया है कि कैसे भारत दुनिया का अगला प्रौद्योगिकी महाशक्ति बन सकता है और इस क्षेत्र में पिछले 11 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत के युवाओं की मदद से हम नवाचार और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग में उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं। यह आत्मनिर्भर बनने और वैश्विक तकनीकी महाशक्ति बनने के हमारे प्रयासों को भी मजबूत कर रहा है।” भारत ने यूपीआई लेनदेन की मात्रा में 2500 गुना वृद्धि दर्ज की है, आंकड़ों से पता चलता है कि यूपीआई लेनदेन जो अप्रैल 2017 में 0.93 करोड़ था, अप्रैल 2025 तक बढ़कर 1867.70 करोड़ हो गया। भारत डिजिटल भुगतान क्रांति का भी नेतृत्व कर रहा है, जिसमें सालाना 18,600 करोड़ रुपये के लेनदेन के साथ 260 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन किया गया है।
मोदी ने यह भी लिखा कि भारत के युवाओं की मदद से हम इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के अनुप्रयोग में उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं। यह आत्मनिर्भर बनने और वैश्विक तकनीकी महाशक्ति बनने के हमारे प्रयासों को भी मजबूत कर रहा है। दुनिया में यूपीआई की स्वीकार्यता भी बढ़ी है और यह यूएई, सिंगापुर, नेपाल, फ्रांस, मॉरीशस, भूटान और श्रीलंका समेत सात देशों में लाइव है। भारत 94 करोड़ से ज़्यादा ब्रॉडबैंड कनेक्शन और 120 करोड़ से ज़्यादा टेलीफ़ोन सब्सक्राइबर के साथ दुनिया का सबसे सस्ता मोबाइल डेटा प्रदाता भी है। भारत नेट योजना के तहत कुल 2.18 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फ़ाइबर नेटवर्क से जोड़ा गया है और 6.92 लाख किलोमीटर फ़ाइबर केबल बिछाई गई है।