राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सबसे पहले अपनी बात रखी। ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में बोलते हुए राजनाथ ने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की हत्या करने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट के तीन आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया है। उन्होंने कहा कि भारत की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में हमारी सेनाओं और अन्य सुरक्षा बलों की भूमिका की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी सरकार जो कहती है वो करती है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना और यह स्पष्ट संदेश देना था कि भारत आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता रखता है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को केवल वर्तमान के संदर्भ में ही नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि भारत के भविष्य को आकार देने में भी इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि छह और सात मई को पहलगाम हमले के जवाब में चलाया गया ‘आपरेशन सिंदूर’ केवल सैन्य कार्रवाई ही नहीं था बल्कि यह भारत की संप्रभुता और आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का एक प्रदर्शन था।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में यह विस्तृत जानकारी दी है कि सोमवार को सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि इस अभियान में मारे गये आतंकवादियों के पास से मिले हथियारों की फारेंसिक जांच की गयी है। सिंह ने कहा कि जांच में यह पूरी तरफ स्पष्ट हो गया कि यह वे ही हथियार हैं जिनका इस्तेमाल पहलगाम आतंकवादी हमले में किया गया था। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हम जो कहते हैं, वह करते हैं। यही हमारा चरित्र है।’’