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पाकिस्तान से आपकी बात होती है क्या? अमित शाह के इस सवाल से भड़का पूरा विपक्ष

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करते हुए लोकसभा को बताया कि जम्मू-कश्मीर के ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीनों आतंकवादी 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में शामिल हमलावर थे। ऑपरेशन महादेव सोमवार को सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चलाया गया था। शाह ने आगे कहा कि आज मैं सदन को बताते हुए बहुत खुश हूं कि मोदी जी ने ऑपरेशन सिंदूर करके जिन्होंने आतंकवादियों को भेजा था, उनके आकाओं को सेना व सीआरपीएफ ने जमीन में मिलाने का काम किया। अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने पाकिस्तान का जिक्र कर कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए।

अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान से आपकी बात होती है क्या? इसके बाद सपा सांसद सदन में शोर करना शुरू कर देते हैं। अमित शाह ने तुरंत विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि कल पूछ रहे थे आतंकी कहां से आए, भाई जिम्मेदारी हमारी ही है। हम सरकार में है, पर मैं पूछता हूं कि जब आप सरकार में थे तब आपने क्यों जिम्मेदारी नहीं ली। बाद में स्पीकर द्वारा शांत कराए जाने के बाद अमित शाह ने आगे बोलना शुरू किया और कहा कि  कैसे इनके आका मारे गए और वो भी जगह व नाम के साथ बताता हूं। घंटे, मिनट और सेकेंड के साथ बताता हूं। गृह मंत्री अमित शाह ने मोहम्मद यूसुफ अजहर, मोहम्मद जमील समेत इस ऑपरेशन में मारे गए. उन्होंने आतंकियों के नाम भी सदन में गिनाए और कहा कि कल ये (विपक्षी सांसद) मुझसे पूछ रहे थे कि पहलगाम के दोषी कहां गए। ये 10 जो नाम पढ़े हैं, उनमें से आठ चिदंबरम एंड कंपनी के जमाने में आतंकी घटनाएं घटाते थे।

शाह ने कहा कि सेना और आईबी के सुरक्षाकर्मी उनके सिग्नलों को रोकने के लिए इलाके में लगातार घूमते रहे। इससे पहले, यह बताया गया था कि ऑपरेशन महादेव 15 दिनों में एकत्रित खुफिया सूचनाओं के आधार पर शुरू किया गया था, जिसकी शुरुआत 11 जुलाई को बैसरन इलाके में एक चीनी सैटेलाइट फोन का पता चलने के साथ हुई थी।  22 जुलाई को आखिरकार इलाके में उनकी मौजूदगी की पुष्टि हो गई। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर उन्हें घेरने के लिए एक समन्वित अभियान चलाया। शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवादियों को पनाह देने वालों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। शाह ने कहा कि जब आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो गिरफ्तार किए गए लोगों से उनकी पहचान करवाई गई और उन्होंने तीनों की पहचान की पुष्टि की। गृह मंत्री ने कहा कि हमले वाली जगह से कारतूस के खोखे बरामद किए गए हैं और उनकी एफएसएल जाँच पहले ही कर ली गई थी। आतंकवादियों के पास एके-47 और एम9 कार्बाइन थीं।