केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान कांग्रेस की गलती है। अगर उन्होंने विभाजन स्वीकार नहीं किया होता, तो आज पाकिस्तान नहीं होता। संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए शाह ने कहा कि आज चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में है, और भारत नहीं है। मोदी जी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हिस्सा बन जाए। इसके लिए जवाहरलाल नेहरू का रुख़ ज़िम्मेदार है। जब हमारे जवान डोकलाम में चीनी सैनिकों का सामना कर रहे थे, तब राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ बैठक कर रहे थे। चीन के प्रति यह प्रेम जवाहरलाल नेहरू, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से लेकर तीन पीढ़ियों तक चला आ रहा है।
शाह ने कहा कि 2002 में अटल जी की एनडीए सरकार पोटा (आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 2002) लेकर आई थी। तब पोटा पर किसने आपत्ति जताई थी? कांग्रेस पार्टी ने… 2004 में सत्ता में आने के बाद, सोनिया गांधी-मनमोहन सिंह सरकार ने पोटा कानून को खत्म कर दिया। कांग्रेस ने किसके फ़ायदे के लिए पोटा को खत्म किया? उन्होंने कहा कि एक सुबह, मैं नाश्ता कर रहा था, तभी मैंने टीवी पर देखा कि सलमान खुर्शीद सोनिया गांधी के घर से रोते हुए बाहर आए। मुझे लगा कि कुछ गंभीर हुआ है। सलमान खुर्शीद ने कहा कि सोनिया गांधी बटला हाउस की घटना पर रो रही थीं। अगर उन्हें रोना ही था, तो शहीद मोहन शर्मा के लिए रोना चाहिए था, बटला हाउस के आतंकवादियों के लिए नहीं।
शाह ने कहा कि 1971 में पूरे देश ने इंदिरा जी का समर्थन किया था। उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए, ये भारत की बहुत बड़ी विजय थी, इसपर पूरा भारत गर्व करता है, हम भी करते हैं। उस समय 93 हजार युद्धबंदी और 15 हजार वर्ग किमी क्षेत्र हमारे कब्जे में था। मगर शिमला समझौता हुआ, तो ये PoK मांगना ही भूल गए। अगर उस समय PoK मांग लेते, तो न रहता बांस न बजती बांसुरी। इन्होंने PoK तो नहीं लिया, उल्टा 15 हजार वर्ग किमी की जीती हुई भूमि भी वापस दे दी।
गृह मंत्री ने कहा कि हमारे समय में जो भी आतंकी घटनाएं हुई हैं, वो पाक प्रेरित और कश्मीर centric हुई, देश के अन्य हिस्से में 2014 से 2025 के बीच एक भी आतंकी घटना नहीं हुई है। ये नरेन्द्र मोदी सरकार है। कश्मीर में भी आज ऐसी स्थिति है कि उनको पाकिस्तान से आतंकवादी भेजने पड़ते हैं, कश्मीर में अब हमारे आतंकवादी नहीं बनते हैं। उन्होंने कहा कि दाऊद इब्राहिम कासकर 1986 में भागा, राजीव गांधी की सरकार थी। सैयद सलाहुद्दीन, टाइगर मेमन 1993 में भागा, कांग्रेस की सरकार थी। अनीस इब्राहिम कासकर 1993 में भागा, कांग्रेस की सरकार थी। रियाज भटकल 2007 में भागा, कांग्रेस सरकार थी। इकबाल भटकल 2010 में भागा, तो इनकी सरकार थी। इन्होंने मुझसे जो जवाब मांगा, उसका जवाब तो हमारे सुरक्षा बलों ने दे दिया। अब राहुल गांधी इसका जवाब दें कि ये लोग क्यों भागे?