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तेजस्वी यादव के बयानों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए, उन्हें अपने माता.पिता के शासनकाल को देखना चाहिए: तेजस्वी यादव पर ललन सिंह का पलटवार

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के बयान पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने पलटवार किया है। ललन सिंह ने साफ तौर पर कहा कि तेजस्वी यादव के बयानों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या सीएम को किसी घटना पर कार्रवाई करनी चाहिए या उस पर बोलना चाहिए? उन्हें अपने माता-पिता के शासनकाल को देखना चाहिए, जब संगठित अपराध, अपहरण और नरसंहार होता था। हर जगह घटनाएं होती हैं, लेकिन आज उसके बाद तुरंत कार्रवाई होती है और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है।

ललन सिंह ने दावा किया कि गोपाल खेमका हत्याकांड के सभी आरोपी गिरफ्तार हैं। लालू यादव के कार्यकाल में क्या कार्रवाई हुई? आज बिहार की सड़कों पर आधी रात को भी लोग निकल सकते हैं। 20 साल के कार्यकाल में नीतीश कुमार ने एसपी को फोन तक नहीं किया, वो सिर्फ डीजीपी को निर्देश देते हैं, जबकि लालू यादव सिपाही और इंस्पेक्टर से भी बात करते थे। उनके शासन में राज्य प्रायोजित अपराध होता था।

तेजस्वी यादव ने बिहार में व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुएरविवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के शासन में राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है औरपिछले कुछ दशकों में राज्य में 65,000 हत्याएं हुई हैं। कथित तौर पर भाजपा से जुड़े खेमका की शुक्रवार रात 11:40 बजे गांधी मैदान इलाके में अपने घर के बाहर कार से उतरते समय एक अज्ञात हथियारबंद हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी।

तेजस्वी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “बिहार की ध्वस्त कानून व्यवस्था व बेलगाम भ्रष्टाचार पर भी अगर किसी को ग़ुस्सा नहीं आ रहा तो समझो उस इंसान का न्यायिक चरित्र एवं मानवीय संवेदना मर चुकी है। आपका जात-धर्म के नाम पर सरकार की विफलताओं एवं जनभावनाओं को नजरअंदाज करना बिहार और बिहारियों के लिए घातक है। राजग के शासन में अब तक 65,000 हत्याएं हो चुकी है फिर भी मंगलराज है। मजाल है अचेत मुख्यमंत्री किसी घटना पर कोई व्यक्तव दे सके?” उन्होंने कहा,“पटना के सबसे सुरक्षित क्षेत्र में शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी श्री गोपाल खेमका जी की सत्ता संरक्षित एवं संपोषित अपराधियों ने गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी।” तेजस्वी ने लिखा, “सात वर्ष पूर्व खेमका के सुपुत्र गुंजन की भी सत्ता संरक्षित अपराधियों में गोली मार कर हत्या की थी लेकिन आज तक हत्यारे बाहर है।बिहार पुलिस का दोष सिद्धि दर क्या है? हत्यारे बाहर जमानत पर कैसे घूम रहे है?”