नई दिल्ली लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के भीतर कांग्रेस सांसदों के व्यवहार पर सवाल उठाए। ओम बिरला ने कहा कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, जिसका संसदीय परंपरा का इतिहास है, लेकिन अब सांसद जो व्यवहार कर रहे हैं, उससे नई पीढ़ी क्या सीख लेगी?
विपक्ष बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे पर विरोध कर रहा है। संसद के मानसून सत्र में भी इस मुद्दे पर खूब हंगामा हो रहा है। गुरुवार को भी कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने संसद की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा किया तो इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नाराज हो गए। उन्होंने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के संस्कार ऐसे नहीं हैं। उन्होंने सांसदों से स्वस्थ चर्चा करने की अपील की।
क्या रहा पूरा घटनाक्रम
दरअसल गुरुवार को संसद सत्र शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। प्रश्नकाल के दौरान जब केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी एक सवाल का जवाब दे रहे थे, तब भी विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी जारी रखी। इससे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नाराज हो गए और उन्होंने कांग्रेस सांसदों से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है, जिसमें जनता से जुड़े मुद्दों को उठाया जाता है। सरकार की जवाबदेही होती है। लेकिन सांसदों का व्यवहार संसद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। आप देश की इतनी पुरानी राजनीतिक पार्टी के सदस्य हैं, जिनका इस सदन के अंदर मर्यादा और गरिमा का इतिहास रहा है, लेकिन आप सदन में नारेबाजी करते हैं, तख्तियां लेकर आते हैं और मेजें ठोकते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हम जिस तरह का व्यवहार करेंगे, उसका देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं में क्या संदेश जाएगा?’
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल का नाम लेकर कहा कि ये आपकी पार्टी के संस्कार नहीं हैं। आपको लोगों ने चुनकर भेजा है। अपनी आकांक्षाएं साझा करने की जिम्मेदारी दी है, लेकिन तख्तियां लेकर आने और नारेबाजी से सदन नहीं चलेगा। ओम बिरला ने कांग्रेस सांसदों को सलाह देते हुए कहा कि नई पीढ़ी आपको देख रही है, वो इससे क्या सीख लेगी। नियमों के तहत सदन में चर्चा होनी चाहिए। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।